Tuesday, July 24, 2018

फिल्म समीक्षा : जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर की “धड़क”


शहज़ाद अहमद - नई दिल्ली
 मराठी में बनी सुपरहिट फिल्म 'सैराट' का हिंदी रीमेक 'धड़क' नाम से बनाया गया है। जिन्होंने 'सैराट' देखी है उन्हें तो 'धड़क' निराश करती ही है और जिन्होंने नहीं भी देखी है उन्हें भी 'धड़क' प्रभावित नहीं कर पाती। धड़क के निर्देशक शशांक खेतान रीमेक में मूल फिल्म की आत्मा नहीं डाल पाए और न ही अपनी ओर से कुछ दे पाए, जिसका सीधा असर फिल्म पर पड़ा है। धड़क की खासियत है कि इसके हीरो-हीरोइन 21-22 बरस के हैं और लंबे समय बाद इतने कम उम्र के हीरो-हीरोइन परदे पर रोमांस करते दिखाई दिए हैं। लेकिन इस ताजगी को खत्म होने में ज्यादा देर नहीं लगती क्योंकि फिल्म टिपिकल बॉलीवुड फॉर्मूलों में जकड़ी नजर आती है। तो चलिए, जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर की धड़क आपके दिल को धड़का पाती है या नहीं… इस फिल्म के बारे में विस्तार से जानते हैं। कहानी: फिल्म के डायरेक्टर शशांक खेतान ने ‘सैराट’ कीकहानी को महाराष्ट्र से राजस्थान की ख़ूबसूरत पृष्ठभूमि मेंतब्दील किया है और उन्होंने फिल्म में कुछ बदलाव भी किएहैं। इस फिल्म की कहानी राजस्थान के उदयपुर से शुरू होतीहै. जहां रहने वाली पार्थवी (जाह्नवी कपूर) राज परिवार केमुखिया ठाकुर रतन सिंह (आशुतोष राणा) की बेटी हैं, जोइस शाही परिवार के नियम और बंधनों का पालन दिल सेकरती हैं. कॉलेज में साथ पढ़ने वाले मधुकर (ईशान खट्टर)को पहली नज़र में ही पार्थवी से प्यार हो जाता है.
उधर,चुनावी माहौल में जब पार्थवी के पिता को दोनों के प्यार कीभनक लगती है तो वो छोटी जाति के मधुकर और उसकेपरिवार वालों पर काफ़ी जुल्म करते हैं। हालांकि अपने प्यारको बचाने के लिए पार्थवी हर मुमक़िन हथकडें अपनाती हैं,आख़िर में दोनों घर से भाग जाते हैं. उदयपुर से मुंबई औरनागपुर से होते हुए दोनों कोलकाता पहुंचते हैं. एक राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाली पार्थवी क्या एक आम लड़केके साथ प्यार निभा पाती है? यह जानने के  लिए आपकोसिनेमा घरों की ओर रूख करना पड़ेगा।
एक्टिंग: फिल्म के कलाकारों की एक्टिंग की बात की जाए तो बेहतरीन अदायगी जाह्नवी के ख़ून में ही मौजूद है और उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म में इस बात को साबित किया है। उधर शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों की कसौटी पर खरे उतरते दिखाई दे रहे हैं. एक्टिंग के मामले में ईशान जाह्नवी पर भारी पड़ते नज़र आ रहे हैं.
हालांकि पर्दे पर ईशान और जाह्नवी की केमेस्ट्री देखते ही बनती है। ठाकुर रतन सिंह का किरदार निभाने वाले आशुतोष राणा ने कमाल की एक्टिंग की है. मधुकर के दोस्त बने अंकित बिष्ट और श्रीधरन अपने-अपने किरदार में फिट नज़र आए।
इंटरवल के पहले वाला हिस्सा तो किसी तरह झेला जा सकता है, लेकिन इंटरवल के बाद जब कहानी कोलकाता शिफ्ट होती है तो फिल्म बिखर जाती है। इंटरवल से लेकर तो फिल्म के अंत तक निर्देशक को फिल्म खींचना भारी पड़ गया क्योंकि उसके पास दिखाने को कुछ भी नहीं था। रोमांस, कॉमेडी, गाने सब कुछ गायब हो जाते हैं। हीरो-हीरोइन के संघर्ष को दिखाने की असफल कोशिश की गई है।
'धड़क', 'झिंगाट', 'पहली बार' की न केवल धुन अच्छी है बल्कि अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे भी अच्छे हैं। 'झिंगाट' जैसे हिट गीत का फिल्मांकन निराशाजनक है।
क्यों देखें: बहरहाल, जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर की धड़क आपके दिल को धड़का पाती है या नहीं इसका फ़ैसला करने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी।




रेटिंग : 2./ 5

फिल्म: धड़क



कलाकार: जाह्नवी कपूर, ईशान खट्टर, आशुतोष राणा.


डायरेक्टर: शशांक खेतान.




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