Sunday, November 11, 2018

केरल की सर्वाइवल स्प्रिट का सम्‍मान करने के लिए डिस्‍कवरी ‘केरला फ्लड्स- द ह्यूमन स्‍टोरी’ प्रस्‍तुत करेगा



शहज़ाद अहमद / नई दिल्ली
एक घंटे की डॉक्‍यूमेंटरी का प्रसारण डिस्‍कवरी चैनल पर 12 नवंबर रात्रि 9 बजे होगा
  डिस्कवरी चैनल पर एक घंटे की विशेष डॉक्यूमेंटरी ”केरला फ्लड्स-द हयूमन स्टोरी “ केरल के उन लोगों की अदम्य भावना का मार्मिक चित्रण करती है जो निरन्तर अपने प्रिय राज्य के पुनर्निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं। यह डॉक्‍यूमेंटरी आपदा के सामने अस्तित्‍व की भावना का सम्‍मान करती है। इसमें दर्शकों को जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए लोगों की अविश्‍वसनीय कहानियों को देखने का अवसर मिलेगा जिसमें राहतकर्मी बने मछुआरों से लेकर सहायता उपलब्‍ध कराने वाले रक्षा बल, जरूरतमंदों तक सामान पहुंचाने के लिए एनजीओ कार्यकर्ताओं के साथ काम करने वाले अभिनेताओं से लेकर विनाशकारी बरसात के समय लोगों का संपर्क कराने के तरीके ढूंढने वाले युवा उद्यमियों की कहानियां शामिल हैं। यह डॉक्‍यूमेंटरी साजिथा जाबिल की कहानी को भी दिखाएगी जिनकी डिलीवरी की निर्धारित तिथी केवल तीन दिन दूर थी, उनकी प्रसव पीड़ा बढ़ चुकी थी और जल स्‍तर अभी भी बढ़ रहा था। उन्‍हें भारतीय जल सेना के सबसे नाटकीय राहत अभियान ”मदद“ में एयरलिफ्ट किया गया। दोपहर तक, बच्‍चा सुभान उन सभी तूफानों से अनजान अपनी मां की बाहों में था जिनसे संघर्ष कर वो उसे इस दुनिया में लेकर आई थी। इस एक घंटे की डॉक्‍यूमेंटरी का प्रसारण केवल डिस्‍कवरी चैनल पर सोमवार, 12 नवंबर, 2018 को रात्रि 9 बजे किया जाएगा।
इस सबकी शुरूआत इस वर्ष स्‍वतंत्रता दिवस पर हुई थी जब केरल में बहुत तेज बारिश होनी शुरू हुई थी। राज्‍य के लोगों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि जल्‍दी ही वे एक ऐसी भयानक बाढ़ का सामना करने जा रहे थे जिसे केरल ने पिछली एक सदी में भी नहीं देखा था। पूरे ग्‍यारह दिनों तक भयंकर बारिश में सबसे गहन जनसंख्‍या वाले राज्‍यों में से एक, 44 नदियों और 61 बांधों वाले केरल में लगभग 25 ट्रिलियन लीटर पानी बरसा। पानी यहां जीवन रेखा है और न केवल केरल की भौगोलिक स्‍थिति का परिचायक है बल्कि इसके इतिहास और अर्थव्‍यवस्‍था का भी परिचय देता है। पानी की भरपूर मात्रा इसे जीवन और अस्तित्‍व प्रदान करती है। लगभग एक सदी में सबसे बड़ी बाढ़ ने राज्‍य के अधिकांश हिस्‍से को तबाह कर दिया। ईश्‍वर के अपने देश को अब 218 पुलों, लगभग 35,000 किलोमीटर लंबी स्‍थानीय सड़कों और लगभग 1,74,000 घरों के पुननिर्माण की आवश्‍यकता होगी। लगभग 46,000 हैक्‍टेयर क्षेत्रमें कृषि फसलें नष्‍ट हो गई थीं। बाढ़ के कारण 40,000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।
इस डॉक्‍यूमेंटरी के महत्‍व को रेखांकित करते हुए, जुल्फिया वारिस, वाइस पेसिडेंट एवं हैड, प्रीमियम एवं डिजीटल नेटवर्क्‍स, डिस्‍कवरी कम्‍युनिकेशन्‍स इंडिया ने कहा, ‘इस वर्ष केरल ने अकल्‍पनीय स्‍तर की आपदा का सामना किया है। लेकिन जैसा कि किसी भी खबर के साथ होता है, हमेशा कोई न कोई और चीज प्राथमिकता ले लेती है और पिछली हेडलाइनों को भुला दिया जाता है। डॉक्‍यूमेंटरी ‘केरला फ्लड्स- द ह्यूमन स्‍टोरी’ को प्रस्‍तुत करने का उद्देश्‍य उन सैकडों लोगों की ओर ध्‍यान आकर्षित करना है जो केरल के पुननिर्माण के लिए बिना थके काम कर रहे हैं। आपदा के समय चरित्र की आश्‍चर्यजनक दृढ़ता और सब कुछ खत्‍म होने के बावजूद आशा की कहानियों के माध्‍यम से ‘केरला फ्लड्स’ का उद्देश्‍य एक ऐसे केरल की कहानी सुनाना है जिसने विनाश के द्वारा स्‍वयं के परिभाषित होने से मना कर दिया है। सभी ने केरल के विनाश को देखा है और अब यह उन प्रयासों को देखने का समय है जो एक-एक तिनका जोड कर धीरे-धीरे इसके पुननिर्माण के लिए किए जा रहे हैं’।

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