Friday, November 16, 2018

फ़िल्म समीक्षा पीहू



शहज़ाद अहमद / नई दिल्ली
यह फिल्म 2 साल की बच्ची पीहू (मायरा विश्वकर्मा) की है। घर में पति-पत्नी की हिंसा के बीच यह लड़की ऐसी परिस्थितियों से गुजरती है जो बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देती है। फिल्म में पीहू अपने जन्मदिन के अगले दिन सो कर उठती है। वहीं उसकी मां पति से परेशान होकर जहर खाकर मर चुकी है। पिता घर से दूर कोलकाता के लिए निकल चुका है। 2 साल की पीहू जब सोकर उठती है तो उसको यह नहीं पता है कि उसकी मां मर चुकी है। इस दौरान वह अपनी मां से बातें करती हैं। भूख लगने पर पीहू दूध और खाने के लिए जतन भी करती दिखती है।
कल्पना कीजिए घर में अकेली 2 साल की बच्ची गैस बरनर पर रोटी सेंके और फिर गैस को जलता हुआ ही छोड़ दे, या फिर खुद के फ्रिज में बंद कर लेना। फिल्म पीहू में ऐसे कई सीन और चीजें हैं जिन्हें हम अपनी रोजाना की जिंदगी में बहुत हल्के में लेते हैं। अगर हमारे घर में कोई छोटा बच्चा है और वह घर में अकेला है तो इन छोटी-छोटी चीजों को गंभीरता से न लें तो क्या हो सकता हैं। यह बात फिल्म पीहू अच्छे से साबित कर देती है। फिल्म के निर्देशन की बात करें तो इसका निर्देशक कई जगह तारिफ के काबिल रहा। जैसे ओवन में रोटी का घूमना, लेकिन कुछ एक सीन ऐसे भी हैं जिनपर और बेहतरी से काम हो सकता था।
फिल्म पीहू को सबसे ज्यादा कमजोर जिसने बनाया वह इसका बैकग्राउंड स्कोर। फिल्म में विशाल खुराना ने बैकग्राउंड स्कोर दिया है, लेकिन कुछ सीन के साथ बैकग्राउंड स्कोर बेहद कमजोर नजर आता है। जैसे पीहू के बालकनी से अपनी गुड़िया के लिए कभी हाथ तो कभी पैर निकालना या ग्रिल पर खड़े होकर दोस्तों को बुलाना। ऐसे कुछ सीन में बैकग्राउंड स्कोर को और बेहतर किया जा सकता था। भारत में रिलीज से पहले पीहू को कई फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया गया, जहां इसने काफी सुर्खियां बटोरी।
वहीं फिल्म की शुरुआत काफी स्लो है, लेकिन इस फिल्म के साथ सबसे अच्छी चीज जो है वह है 2 साल की मायरा विश्वकर्मा का अभिनय। फिल्म में मायरा ने इतना शानदार अभिनय किया है कि उसकी मासूमियत ही दर्शकों के दिलों को जीतने के लिए काफी है। मायरा विश्वकर्मा के अभिनय को देखकर कहा जा सकता है कि ये विनोद कापड़ी ही हैं जो 2 साल की बच्ची से इतना अभिनय करवा सकते हैं। कुल मिलाकर फिल्म पीहू 2 साल की हैरतअंगेज बच्ची की दुर्लभ कहानी है।

स्टारकास्ट:  मायरा विश्वकर्मा (पीहू)

निर्देशक:  विनोद कापड़ी

निर्माता: रॉनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर

स्टार 4.0/5

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