Thursday, February 14, 2019

इंडोफिल्स ने विष्व में अग्रणी रीजंस के साथ ज्वाईंट वेंचर किया यह ज्वाईंट वेंचर भारत में पीवीसी और सीपीवीसी सेक्टरों को एडिटिव्स की सप्लाई में मदद करेगा


शहज़ाद अहमद / नई दिल्ली
मोदी इंटरप्राईज़ेस ग्रुप कंपनी एवं फसल सुरक्षा और स्पेषियल्टी केमिकल्स में 2500 करोड़ की कंपनी, इंडोफिल इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने गुरुवार को दुनिया की अग्रणी पॉलिमर एडिटिव्स
निर्माता कंपनी एवं इटली स्थित, रीजंस के साथ संयुक्त उपक्रम की घोशणा की। इस कंपनी का कॉन्सोलिडेटेड ग्रुप टर्नओवर 230 मिलियन यूरो का है। नया उपक्रम, इंडो-रीजंस पॉलिमर एडिटिव्स प्राइवेट लिमिटेड अंकलेष्वर में अपनी यूनिट से ग्रीन स्टेब्लाईज़र श्रृंखला निर्मित करके भेजेगा। यह उपक्रम 1 अप्रैल, 2019 से यूरोप में रीजंस यूनिट्स से अत्याधुनिक स्पेषियल्टी एडिटिव्स भी पेष करेगा। यह उपक्रम 2019 में दाहेज़ में गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेषन की स्पेषल इकॉनॉमिक ज़ोन में अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी वाले प्लांट का निर्माण भी करेगा, जहां से भारतीय पॉलिमर प्रोसेसिंग उद्योग को ग्रीन पॉलिमर एडिटिव्स की आपूर्ति की जाएगी।
यह घोशणा भी की गई कि यह संयुक्त उपक्रम ठाणे और दिल्ली में स्थित अपने क्षेत्रीय एप्लीकेषन लैबोरेटरी से टेक्निकल सपोर्ट एवं सेवाएं प्रदान करेगा। इसमें रीजंस की वर्तमान इकाईयां सहयोग करेंगी। इंडोफिल इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर तथा मोदी इंटरप्राईजेस के चेयरमैन, श्री के के
मोदी ने कहा, ‘‘हम रीजंस के साथ इस साझेदारी के लिए बहुत उत्साहित हैं। दोनों कंपनियों की पूरक षक्तियां हैं, जिनका उपयोग कर पीवीसी एवं सीपीवीसी पॉलिमर्स में उपयोग में आने वाले सतत समाधान एवं
उत्पाद विकसित किए जा सकते हैं। हमें उम्मीद है कि हम अपनी विषेशज्ञता और प्रतिभा को मिलाकर इस संयुक्त उपक्रम की पूरी सामर्थ्य का उपयोग कर सकेंगे।’’ रीजंस के चेयरमैन, डॉ. एटोरे नन्नी ने कहा,‘‘इंडोफिल और रीजंस अद्वितीय एस्सेट, गहरी टेक्निकल विषेशज्ञता तथा समाधानों को पहचानने, स्केल करने और कस्टमाईज़ करने की सामर्थ्य पेष करेंगे। हम हीट स्टेब्लाईजर्स बाजार में किफायती और सतत समाधान पेष करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।’’ पीवीसी और सीपीवीसी मात्रा की दृश्टि से भारत में बड़े थर्मोप्लास्टिक पॉलिमर हैं। इसके प्रमुख उपयोगों में पाईप और फिटिंग (गर्म व ठंडी), वायर और केबल, सेलुलर और विंडो प्रोफाईल, मेडिकल कंपाउंड तथा
कैलेंडरिंग षीट एप्लीकेषंस हैं। जहां औद्योगिकीकरण द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं तीव्र षहरीकरण पर बल तथा कृशि सेक्टर में तीव्र वृद्धि से पीवीसी की मांग बढ़ी है, वहीं इसका उत्पादन इस अनुपात में कम है। फिक्की की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भारत में वर्तमान में लगभग 73 प्रतिषत पीवीसी का उपयोग पाईप एवं फिटिंग उद्योगों द्वारा किया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में केवल 27 प्रतिषत का उपयोग होता है। 

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