Monday, September 17, 2018

श्री कृष्ण प्रणामी धर्म के प्रणेता- महामति प्राणनाथ का 400 वां जन्म महोत्सव




शहज़ाद अहमद - नई दिल्ली

   मध्यकालीन भारत के महान समाज सुधारक, महाराजा छ्त्रसाल के धर्मगुरु एवं श्री कृष्ण प्रणामी सम्प्रदाय के प्रवर्तक महामति प्राणनाथ के जन्म का 400 वां सालगिरह देश व विदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दिल्ली में 18-23 सितंबर तक जन्म शताब्दी के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिसमें महामति रचित उपदेश ग्रंथ- “तारतम वाणी” का 400 परायण पाठ, वाणी चर्चा, श्रीमद्भागवत-कृष्ण कथा, विद्वत गोष्ठी, संत सम्मेलन, राजनेताओं के संबोधन, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शोभा यात्रा प्रमुख हैं। कुल 6 दिनों तक चलने वाले जन्म शताब्दी महोत्सव का समापन विशाल शोभा यात्रा के साथ दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में किया जाएगा।
 महामति प्राणनाथ का संदेश- विश्व शांति, विश्व मानव एकता, सर्वधर्म समभाव, दलित उद्धार, विकारमुक्त समाज आज के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अत्यंत सटीक हैं। यही वजह है कि 400 सालों से ज्यादा समय से समाज में कार्यरत श्री कृष्ण प्रणामी सम्प्रदाय आज भी अपने सिद्धांतों और निष्काम सेवा के वदौलत विद्यमान ही नहीं वल्कि लोगों के बीच लोकप्रिय है। आज श्री कृष्ण प्रणामी सम्प्रदाय से जुड़े लोगों की संख्या 1 करोड़ से अधिक है, जो इस धर्म के विचार और आदर्शों को सत्यापित करता है। महामति प्राणनाथ के 400 वें जन्मोत्सव पर श्री कृष्ण प्रणामी विश्व परिषद् के अध्यक्ष स्वामी सदानन्द महाराज ने बताया कि- महामति प्राणनाथ के प्राकट्य के चतुर्थ शताब्दी के अवसर पर उनके दिव्य संदेश के प्रचार के लिए 19 सितंबर 2017 से “जागनी रथ” भारत के सभी प्रांतों समेत पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में चल रहा है। यह रथ मार्च 2019 तक अलग-अलग स्थानों पर परिक्रमा करता रहेगा।
विश्व- बंधुत्व, सामाजिक सद्भाव और एकता का पर्याय श्री कृष्ण प्रणामी धर्म के आज दुनियाभर में 600 से अधिक मंदिर और 200  आध्यात्मिक केंद्र देश व विदेश में धर्म एवं संस्कार की शिक्षा देने में कार्यरत हैं।

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